यह एक पारिवारिक यात्रा मानी जाती थी, लेकिन मैंने अपनी माँ और उनकी दो सहेलियों के साथ जाने का निर्णय लिया। इसके अलावा, मेरी माँ की दो सहेलियाँ सुंदर और दयालु दोनों हैं, लेकिन उन्होंने मेरी माँ की आँखें छीन लीं और अपने बड़े स्तनों से मुझे आकर्षित किया! मेरा लिंग भी मेरे स्तनों के बीच में फंसे मेरे शरीर के विभिन्न हिस्सों के साथ टिक-टिक कर रहा था! माँ की दो सहेलियों ने बहुत सारी शरारतें कीं और मुझे एक खिलौने जैसा महसूस कराया, लेकिन यह एक शानदार यात्रा थी।